खेसारी लाल यादव का भक्ति गीत ‘तेरे प्रेम में पागल…’: प्रेमानंद महाराज की श्रद्धा में डूबा संगीतमय अर्पण

भक्ति गीतों का जादू कुछ ऐसा होता है जो सीधे दिल को छूता है। खासकर जब किसी संत या गुरु की महिमा को समर्पित हो, तो वो गीत और भी खास बन जाता है।

 

भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और गायक खेसारी लाल यादव का नया भक्ति गीत *‘तेरे प्रेम में पागल…’* प्रेमानंद महाराज की भक्ति में डूबा ऐसा ही एक सशक्त प्रयास है, जिसने श्रोताओं को आध्यात्मिक भाव में रंग दिया है।

प्रेमानंद महाराज: प्रेम और भक्ति के प्रतीक

प्रेमानंद महाराज एक ऐसे संत रहे हैं जिन्होंने प्रेम, करुणा और सेवा को जीवन का मूल मंत्र बनाया। बचपन से ही उन्होंने भक्ति का मार्ग अपनाया और समाज को आत्मिक जागरूकता की दिशा दी। उनके प्रवचन, भजन और जीवनशैली ने असंख्य लोगों को प्रभावित किया है।

उनकी शिक्षाएँ आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने यह बताया कि धर्म केवल रीति-रिवाज नहीं, बल्कि एक जीने की सच्ची राह है।

गीत की खासियत: श्रद्धा में डूबा संगीत

खेसारी लाल यादव का यह गीत जितना मधुर है, उतना ही भावपूर्ण भी। *‘तेरे प्रेम में पागल…’* नाम ही अपने आप में एक आकर्षण है, जो सीधे दिल से जुड़ता है। गीत के बोल भक्त के भगवान से पागलपन भरे प्रेम को बयां करते हैं, जो आज की पीढ़ी को भी भक्ति की ओर मोड़ने में सक्षम है।

गीत का संगीत और शब्द

इस गीत में शब्दों की भाषा सरल लेकिन प्रभावशाली है। हर पंक्ति में भक्ति की गहराई है। संगीतकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों से इसे सजाया है, जिससे एक आध्यात्मिक वातावरण बनता है।

गीत की धुन सुनते ही मन एक अलग ही शांत भाव में बहने लगता है — जैसे प्रेमानंद महाराज के चरणों में बैठकर भजन सुन रहे हों।

वीडियो का अनुभव और भाव

इस गीत का वीडियो भव्य और भक्ति रस से भरपूर है। खेसारी लाल यादव का अभिनय संयमित और भावनात्मक है, जो दर्शकों को सहज रूप से मंत्रमुग्ध कर देता है। वीडियो की सिनेमेटोग्राफी वातावरण में दिव्यता घोल देती है।

श्रोताओं की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर छाया भक्ति भाव

रिलीज के साथ ही यह गीत यूट्यूब और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लाखों लोग इसे न सिर्फ सुन रहे हैं, बल्कि इसे अपने पूजा-पाठ, ध्यान और धार्मिक आयोजनों का हिस्सा बना चुके हैं।

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं स्पष्ट करती हैं कि *‘तेरे प्रेम में पागल…’* केवल एक गीत नहीं, बल्कि श्रद्धा और आस्था का संगीतमय स्वरूप है।

भक्ति संगीत की नई लहर

इस गीत ने यह साबित कर दिया कि भक्ति संगीत अब भी लोगों के दिलों में राज करता है, बस उसे नए अंदाज़ में पेश करने की ज़रूरत होती है। खेसारी लाल यादव ने इस गीत से भक्ति संगीत को एक नया विस्तार दिया है — एक ऐसा प्रयास जो पारंपरिकता और आधुनिकता के संगम को दर्शाता है।

प्रेम ही भक्ति बन जाए

*‘तेरे प्रेम में पागल…’* गीत केवल संगीत नहीं, बल्कि श्रद्धा का एक शक्तिशाली माध्यम है। यह प्रेमानंद महाराज को समर्पित एक सुंदर भक्ति अर्पण है जो आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में एक शांत, सौम्य विराम की तरह है।

खेसारी लाल यादव ने दिखाया है कि सिनेमा और भक्ति दो अलग राहें नहीं, बल्कि साथ चल सकने वाले मार्ग हैं। यह गीत उस सेतु की तरह है जो दिल और आत्मा को जोड़ता है।

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