जौनपुर ड्रोन घटना 2025: बिना अनुमति उड़ान से ग्रामीणों में दहशत, पूरे इलाके में फैली अफरा-तफरी

ड्रोन घटना 2025: बिना अनुमति उड़ान से ग्रामीणों में दहशत, पूरे इलाके में फैली अफरा-तफर

जौनपुर के शांत ग्रामीण इलाकों में एक दोपहर अचानक ड्रोन की आवाज़ गूंज उठी। किसान खेतों में काम कर रहे थे, बच्चे खेल रहे थे और महिलाएँ घर के कामों में लगी थीं। तभी आसमान में उड़ता एक अनजान ड्रोन नीचे की ओर मंडराने लगा।

लोगों ने तुरंत काम छोड़ दिया। कोई भागकर घर की तरफ भागा, तो कोई पेड़ों के नीचे छिप गया। अफवाहें उड़ने लगीं कि शायद यह जासूसी ड्रोन है या किसी हमले का संकेत। देखते ही देखते पूरे इलाके में “जौनपुर में ड्रोन उड़ने से मचा हड़कंप” जैसी स्थिति बन गई।


घटना कहाँ और कैसे हुई?

स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार यह घटना मंगलवार दोपहर हुई। ड्रोन को सबसे पहले सिकरारा और मुँगराबादशाहपुर क्षेत्र में देखा गया।

  • यह करीब 12 बजे आसमान में दिखा।
  • लगभग 30 मिनट तक अलग-अलग गाँवों के ऊपर मंडराता रहा।
  • महाुली और आसपास के गाँव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
  • पुलिस को दोपहर करीब 1 बजे सूचना मिली, लेकिन तब तक ड्रोन गायब हो चुका था।

किसानों ने बताया कि ड्रोन बहुत नीचे उड़ रहा था, करीब 100 फीट की ऊँचाई पर। इसकी वजह से डर और बढ़ गया।


ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

  • किसानों ने खेतों में हल और ट्रैक्टर छोड़ दिए।
  • महिलाएँ बच्चों को लेकर घरों में छिप गईं।
  • चाय की दुकानों और चौपाल पर लोग चर्चा करने लगे – “कहीं यह जासूसी तो नहीं?”
  • कुछ लोगों ने ड्रोन का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिससे अफवाहें और तेजी से फैलीं।

लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही था – यह ड्रोन कौन उड़ा रहा है और क्यों?


प्रशासन की कार्रवाई

  • सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने इलाके में चेकिंग अभियान शुरू किया।
  • जिला अधिकारी ने अधिकारियों की बैठक बुलाई और सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी।
  • शाम तक प्रशासन ने बयान जारी किया – “संभावना है कि यह कोई सर्वे ड्रोन था, घबराने की जरूरत नहीं है।”
  • लखनऊ से तकनीकी टीम भी बुलाई गई है जो ड्रोन की पहचान और उड़ान लॉग की जांच कर रही है।

घबराहट क्यों फैली?

  • ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी जागरूकता कम होने से लोग ड्रोन को देखकर घबरा जाते हैं।
  • सोशल मीडिया पर फैली जासूसी और हमले की अफवाहें दहशत बढ़ाती हैं।
  • गाँवों में अब तक ड्रोन का इस्तेमाल कम देखने को मिलता है, इसलिए लोग इसे खतरे से जोड़ लेते हैं।

ड्रोन का बढ़ता इस्तेमाल

भारत में ड्रोन का इस्तेमाल अब तेजी से बढ़ रहा है।

  • खेती में कीटनाशक छिड़काव और फसल सर्वे के लिए।
  • सरकारी विभाग सड़क और नहर सर्वे के लिए।
  • लेकिन जौनपुर जैसे इलाकों में लोग इन्हें देखकर असुरक्षित महसूस करते हैं।

नियम और सुरक्षा

भारत में DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने ड्रोन उड़ाने के नियम बनाए हैं:

  • 250 ग्राम से बड़े ड्रोन का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
  • गाँवों, एयरपोर्ट और संवेदनशील जगहों पर बिना अनुमति उड़ान पूरी तरह प्रतिबंधित है।
  • NPNT सिस्टम (No Permission No Takeoff) से ड्रोन तभी उड़ सकता है जब अनुमति मिले।

ग्रामीणों पर असर

  • घटना के बाद कई किसानों ने एक दिन खेत में काम नहीं किया।
  • बच्चों में डर बैठ गया, रात को नींद तक नहीं आई।
  • बाज़ारों में भी भीड़ कम रही और कारोबार प्रभावित हुआ।

लेकिन धीरे-धीरे गाँवों में लोग चौपालों पर बैठकर चर्चा करते हुए स्थिति को सामान्य करने लगे।


नतीजा और सीख

जौनपुर की यह घटना दिखाती है कि बिना अनुमति ड्रोन उड़ान से गाँवों में कितना डर फैल सकता है

  • ड्रोन तकनीक फायदेमंद है, लेकिन सही जानकारी और नियमों का पालन ज़रूरी है।
  • ग्रामीणों को ड्रोन के सुरक्षित इस्तेमाल और सरकारी नियमों के बारे में जागरूक करना होगा
  • सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने से बचना चाहिए।

👉 सरकार अब ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी कर रही है।

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2 comments

  1. बहुत हड़कंप हुआ है! ड्रोन जैसे तो पहले सिकरारा में देखा गया, फिर मुँगराबादशाहपुर, लगभग 30 मिनट तक लोगों के सामने मंडरा रहा। किसानों ने बताया करीब 100 फीट की ऊँचाई पर था, बहुत नीचे! तो डर बढ़ गया, हल और ट्रैक्टर छोड़ दिए, बच्चों को घर में छिपा दिया। चाय की दुकानों में चर्चा करने लगे – कहीं यह जासूसी तो नहीं? सोशल मीडिया पर वीडियो डाल दिया, तो तेजी से फैलीं। लेकिन अब तककी जानकारी संभावना है कि यह कोई सर्वे ड्रोन था। धीरे-धीरे लोग चौपालों पर बैठकर सामान्य करने लगे। सच में ड्रोन तकनीक फायदेमंद है, लेकिन इसका सही इस्तेमाल और नियमों का पालन जरूरी है। 👉laser marking machine

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