बॉलीवुड एक्टर और सफल उद्यमी विवेक ओबेरॉय आज सिर्फ अपनी फिल्मों के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी जबरदस्त बिजनेस समझ और दीर्घकालिक सोच के लिए भी चर्चा में हैं। उनकी कुल संपत्ति करीब ₹1200 करोड़ आंकी गई है, जिसमें उनका अभिनय करियर, रियल एस्टेट निवेश, स्टार्टअप्स और सामाजिक पहलें — सबका बड़ा योगदान है। लेकिन इस सफलता के पीछे केवल किस्मत नहीं, बल्कि उनकी एक गहरी व्यावसायिक सोच है, जिसे वे खुद “मैं बिजनेस में शादी में यकीन रखता हूं, वन-नाइट स्टैंड में नहीं” कहकर परिभाषित करते हैं।
💡 विवेक ओबेरॉय की सोच: रिश्तों पर आधारित बिजनेस
विवेक का मानना है कि बिजनेस में असली सफलता लंबे रिश्तों और भरोसे से आती है, न कि जल्दी मुनाफे से। आज जब कई लोग स्टार्टअप्स में तेजी से पैसा कमाने और बेचकर निकल जाने की रणनीति अपनाते हैं, विवेक इससे अलग रास्ता चुनते हैं।
उनका कहना है,
“मैं बिजनेस को एक रिश्ते की तरह देखता हूं — इसमें धैर्य, भरोसा और समय देना पड़ता है। अगर आप सिर्फ शॉर्टकट चाहते हैं, तो सफलता स्थायी नहीं होगी।”
यह विचार आज के युवा उद्यमियों के लिए भी प्रेरणादायक है, जो अक्सर तुरंत रिटर्न पाने के चक्कर में दीर्घकालिक दृष्टिकोण खो बैठते हैं। विवेक का मानना है कि “टिकाऊ सफलता वही है जो भरोसे और निष्ठा से बनती है।”
🏢 व्यापार जगत में विवेक का सफर
विवेक ओबेरॉय ने फिल्मों के साथ-साथ बिजनेस की दुनिया में भी अपनी पहचान बनाई है।
- उन्होंने रियल एस्टेट, हेल्थकेयर और एजुकेशन जैसे कई क्षेत्रों में निवेश किया है।
- उनका सबसे बड़ा प्रोजेक्ट KARRM Infrastructure है, जो महाराष्ट्र और गुजरात में किफायती घरों के प्रोजेक्ट्स पर काम करता है। इसका उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण घर उपलब्ध कराना है।
- इसके अलावा, विवेक ने ‘Project DEVI’ (Development and Empowerment of Women in India) के माध्यम से सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया है, जो ग्रामीण महिलाओं को शिक्षा और रोजगार से जोड़ता है।
उनकी यह सोच कि “व्यवसाय सिर्फ मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि समाज को बदलने के लिए होना चाहिए” उन्हें बाकी बिजनेसमैन से अलग करती है।
🔑 दीर्घकालिक सोच: विवेक की सफलता की कुंजी
विवेक के अनुसार, लंबे समय तक टिके रहना ही असली सफलता है।
वे कहते हैं कि बिजनेस को बढ़ाने के लिए सिर्फ पूंजी नहीं, बल्कि धैर्य और भरोसा चाहिए।
उनकी रणनीति में तीन बातें प्रमुख हैं:
- गहरा रिसर्च और प्लानिंग – किसी भी प्रोजेक्ट में कदम रखने से पहले विवेक और उनकी टीम महीनों तक रिसर्च करते हैं।
- साझेदारी में पारदर्शिता – वे हर निवेशक और पार्टनर के साथ पूरी ईमानदारी से काम करते हैं, जिससे भरोसा कायम रहता है।
- लॉयल्टी और टीम बिल्डिंग – विवेक अपने कर्मचारियों को परिवार की तरह मानते हैं। उनके अनुसार, “अगर आपकी टीम खुश है, तो बिजनेस अपने आप बढ़ेगा।”
📈 विवेक की नेटवर्थ कैसे बढ़ी ₹1200 करोड़ तक
2025 के आंकड़ों के अनुसार विवेक ओबेरॉय की नेट वर्थ लगभग ₹1200 करोड़ है।
इसमें शामिल हैं:
- रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स से आमदनी — ₹700 करोड़ से अधिक
- ब्रांड एंडोर्समेंट्स और फिल्मों से कमाई — ₹200 करोड़
- स्टार्टअप्स और हेल्थटेक निवेश — ₹150 करोड़
- सामाजिक और चैरिटेबल फाउंडेशन वैल्यू — ₹50 करोड़ (गैर-लाभकारी हिस्से को छोड़कर)
उन्होंने “KARRM Infrastructure” के माध्यम से हजारों परिवारों को घर मुहैया कराया है और अपने नाम पर चल रहे ‘Vivek Oberoi Foundation’ से युवाओं को स्कॉलरशिप और ट्रेनिंग भी दिलाई है।
💬 विवेक की बिजनेस फिलॉसफी: “विश्वास सबसे बड़ा निवेश”
विवेक ओबेरॉय कहते हैं,
“कई लोग जल्दी रिटर्न के पीछे भागते हैं, लेकिन मैं विश्वास और रिश्तों में निवेश करता हूं। बिजनेस में भरोसा सबसे बड़ा एसेट है।”
उनका यह विचार उनके करियर में भी दिखता है। चाहे फिल्मों में हो या रियल एस्टेट में, उन्होंने हमेशा ऐसे प्रोजेक्ट चुने जो लंबे समय तक असर छोड़ें।
🧠 विवेक की सीख: धैर्य और निरंतरता ही सफलता की राह
विवेक ओबेरॉय की सोच है कि जैसे एक सफल शादी में समय, समझदारी और समर्पण चाहिए होता है, वैसे ही एक सफल बिजनेस में भी यही तीन चीजें जरूरी हैं।
उनका मानना है —
- हर प्रोजेक्ट को बढ़ने में समय लगता है।
- बदलावों के साथ चलने की कला ही टिके रहने का तरीका है।
- और सबसे जरूरी है सीखते रहना।
वे कहते हैं,
“हर असफलता मुझे कुछ नया सिखाती है। मैंने सीखा है कि गिरना बुरा नहीं, वहीं रुक जाना बुरा है।”
🤝 साझेदारी और भरोसा: विवेक की सबसे बड़ी ताकत
विवेक के बिजनेस पार्टनर्स बताते हैं कि उनके साथ काम करना अलग अनुभव होता है। वे किसी भी डील को सिर्फ पैसे की नजर से नहीं देखते, बल्कि उसमें रिश्ते की अहमियत जोड़ते हैं।
विवेक हमेशा पार्टनर्स और क्लाइंट्स के बीच पारदर्शी संवाद बनाए रखते हैं। इसी वजह से उनकी कंपनियाँ कई बार मुश्किल परिस्थितियों में भी स्थिर रहीं।
🌱 सामाजिक दृष्टिकोण के साथ बिजनेस
विवेक का मानना है कि बिजनेस तभी सफल है जब वह समाज को कुछ लौटाता है।
उनकी कंपनी हर प्रोजेक्ट में कुछ हिस्सा CSR (Corporate Social Responsibility) के तहत रखती है, जिससे गांवों में स्कूल, क्लिनिक और महिला केंद्र खोले जाते हैं।
वे कहते हैं —
“अगर हमारे बिजनेस से किसी की ज़िंदगी बेहतर होती है, तो वही असली मुनाफा है।”
🔮 भविष्य की योजना
आने वाले वर्षों में विवेक ओबेरॉय अपने बिजनेस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की योजना बना रहे हैं। वे खासतौर पर मिडल ईस्ट और साउथ एशिया के हाउसिंग सेक्टर में निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही, वे ग्रीन बिल्डिंग और सस्टेनेबल एनर्जी पर आधारित नए प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहे हैं।
🏁 निष्कर्ष: विवेक ओबेरॉय की कहानी – सफलता की नई परिभाषा
विवेक ओबेरॉय की जीवन यात्रा यह साबित करती है कि सफलता सिर्फ पैसे से नहीं, बल्कि दृष्टिकोण से बनती है।
उनका “शादी वाला बिजनेस फॉर्मूला” बताता है कि लंबे रिश्ते, भरोसा और निरंतर मेहनत ही स्थायी सफलता की कुंजी हैं।
आज जब दुनिया तेज़ी से बदल रही है, विवेक जैसे उद्यमी यह याद दिलाते हैं कि सच्ची ग्रोथ वही है जो समय के साथ टिके।
💬 जैसा विवेक कहते हैं —
“रिश्ते बनाइए, सिर्फ सौदे नहीं। क्योंकि सौदे खत्म हो जाते हैं, लेकिन रिश्ते आगे बढ़ाते हैं।”
👉 सारांश:
- विवेक ओबेरॉय की नेट वर्थ: ₹1200 करोड़
- प्रमुख क्षेत्र: रियल एस्टेट, स्टार्टअप, हेल्थकेयर
- बिजनेस फिलॉसफी: “रिश्ते बनाइए, भरोसा रखिए, सफलता अपने आप आएगी।”
- सीख: “Short-term profit नहीं, long-term impact ज़रूरी है।”
विवेक ओबेरॉय – अभिनेता, उद्यमी और दूरदर्शी सोच का प्रतीक। 🌟
