प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नौसेना संग दिवाली संबोधन: आत्मनिर्भर भारत की शक्ति और समुद्री सुरक्षा पर ज़ोर 🇮🇳⚓🪔

दिवाली के अवसर पर भारतीय नौसेना के जवानों के साथ मनाए गए विशेष समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की समुद्री शक्ति, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय एकता पर केंद्रित एक प्रेरणादायक संबोधन दिया। इस भाषण में प्रधानमंत्री ने न केवल नौसेना की उपलब्धियों की सराहना की, बल्कि भारत की बढ़ती सामरिक ताकत और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को भी दोहराया। आइए जानते हैं उनके भाषण के प्रमुख बिंदु —


1. INS विक्रांत – भारत की सामर्थ्य का प्रतीक

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत की चर्चा से की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक जहाज़ नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी और सामरिक शक्ति का प्रतीक है।
INS विक्रांत के जलावतरण ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया है जो खुद अपना एयरक्राफ्ट कैरियर बना सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी तैनाती से भारत की नौसेना को नई मजबूती मिली है और यह हमारे पड़ोसी देशों के लिए भी एक संदेश है कि भारत अब किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है।
उन्होंने इसे भारत की रक्षा नीति का एक “गेम चेंजर” बताया और कहा कि यह हमारी “मेरीटाइम स्ट्रेंथ” का नया अध्याय है।


🛠️ 2. आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में बड़ा कदम

मोदी ने अपने संबोधन में “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि INS विक्रांत इस दिशा में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह भारतीय इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और नौसेना कर्मियों की मेहनत का परिणाम है। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में तैयार हुआ यह पोत इस बात का प्रमाण है कि भारत अब रक्षा उपकरणों के लिए विदेशी निर्भरता से आगे बढ़ चुका है।

प्रधानमंत्री ने कहा —

“आज हमारा लक्ष्य है ‘मेक इन इंडिया, सिक्योर द नेशन’। आने वाले वर्षों में भारत न केवल अपनी रक्षा ज़रूरतें पूरी करेगा, बल्कि अन्य देशों के लिए भी रक्षा उपकरणों का निर्यातक बनेगा।”


🇮🇳 3. एकता और सेवा का संदेश

दिवाली के इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री ने नौसेना के अधिकारियों और जवानों से कहा कि वे एकता, समर्पण और राष्ट्र सेवा की भावना को हमेशा सर्वोच्च रखें। उन्होंने दिवाली के संदेश — “अंधकार पर प्रकाश की विजय” — को नौसेना के मिशन से जोड़ते हुए कहा कि जैसे दीपक अंधकार को मिटाता है, वैसे ही भारतीय नौसेना समुद्री सीमाओं की रक्षा करते हुए देश को सुरक्षित रखती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौसेना की सतर्कता और त्याग ही भारत की सुरक्षा की असली ताकत है।


🌊 4. नौसेना की तैयारियाँ और आधुनिकता

प्रधानमंत्री ने नौसेना की ऑपरेशनल रेडीनेस (संचालनिक तत्परता) पर विशेष ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की समुद्री सीमाएँ लगभग 7,500 किलोमीटर लंबी हैं और इसके साथ-साथ 1,200 से अधिक द्वीप और हजारों समुद्री मार्ग हैं — ऐसे में नौसेना का दायित्व अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने नौसेना से कहा कि वे उभरते खतरों और नई तकनीकों से जुड़े बदलावों के प्रति सतर्क रहें। “आधुनिक प्रशिक्षण, डिजिटल तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग” कर भारतीय नौसेना को आने वाले दशक की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा।


🌏 5. क्षेत्रीय शांति और वैश्विक भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की नौसेना सिर्फ देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभा रही है।
उन्होंने “सुरक्षित और स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक क्षेत्र” (Free and Open Indo-Pacific) की अवधारणा को दोहराते हुए कहा कि भारत की नौसेना इस दिशा में वैश्विक स्तर पर एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में उभरी है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत मानवीय सहायता, आपदा प्रबंधन और समुद्री सुरक्षा अभियानों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है — जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय साख और मजबूत हुई है।


💬 प्रधानमंत्री का समापन संदेश

भाषण के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों को दिवाली की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा —

“आप सबकी सेवा भावना, अनुशासन और समर्पण ही देश की असली शक्ति है। जैसे हम दिवाली पर अपने घरों को रोशनी से भरते हैं, वैसे ही आप सभी अपने परिश्रम और साहस से देश को उजाला दे रहे हैं।”


प्रधानमंत्री मोदी का यह दिवाली संबोधन केवल एक त्योहार का उत्सव नहीं था, बल्कि राष्ट्रीय गर्व, आत्मनिर्भरता और सामरिक दृष्टिकोण का प्रतीक था।
INS विक्रांत से लेकर आत्मनिर्भर रक्षा नीति तक, यह भाषण भारत की बदलती रक्षा रणनीति और वैश्विक भूमिका को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

भारत की नौसेना आज न केवल सीमाओं की सुरक्षा करती है, बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता का आधार बन चुकी है।
दिवाली की तरह ही, यह संदेश भी रोशनी, शक्ति और नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। 🇮🇳⚓

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