🌧️ भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
तमिलनाडु के कई हिस्सों में पिछले तीन दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर, नागपट्टिनम, तंजावुर और तिरुनेलवेली जैसे जिलों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए बताया कि राज्य में 19 अक्टूबर तक भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है।
बारिश का सबसे ज़्यादा असर चेन्नई महानगर पर पड़ा है, जहाँ कई इलाकों में पानी सड़कों पर भर गया है और यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। अन्ना नगर, वेलाचेरी, मायलापुर और टेयनामपेट जैसे क्षेत्रों में लोग घरों में ही फंसे हुए हैं।
🚨 सरकार और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
तमिलनाडु सरकार ने हालात को गंभीर देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात कर दी हैं।
अब तक 50 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं, जहाँ हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
राज्य के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शनिवार सुबह उच्च स्तरीय बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और सभी जिलाधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा —
“हमारा प्राथमिक लक्ष्य नागरिकों की सुरक्षा है। हर संभव सहायता और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।”
🏠 लोगों की सुरक्षा के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें, खासकर जलभराव वाले इलाकों में।
सरकारी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं —
- 📞 चेन्नई हेल्पलाइन: 1070
- 📞 राज्य आपातकालीन नंबर: 044-2859 3990
इसके अलावा, सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को लगातार मौसम और ट्रैफिक से जुड़ी जानकारी दी जा रही है।
🚗 सड़क, रेल और हवाई यातायात पर असर
लगातार हो रही बारिश से राज्य के कई हाईवे और अंदरूनी सड़कें डूब गई हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही पर बुरा असर पड़ा है।
चेन्नई एयरपोर्ट पर कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें विलंबित हुई हैं, जबकि कुछ को डायवर्ट करना पड़ा है।
दक्षिण रेलवे ने भी कुछ रूटों पर ट्रेनों को अस्थायी रूप से रद्द या बदला है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
🏥 स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
भारी बारिश और जलभराव के कारण डेंगू, चिकनगुनिया और लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
इसको देखते हुए तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा है।
स्थानीय स्तर पर मेडिकल टीमें राहत शिविरों में जाकर फ्री हेल्थ चेकअप और दवाइयाँ वितरित कर रही हैं।
राज्य स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने कहा —
“हम हर जिले में मेडिकल मोबाइल यूनिट भेज रहे हैं। लोगों से अनुरोध है कि वे साफ-सफाई रखें और उबला पानी ही पिएं।”
💧 नदियों और झीलों में बढ़ा जलस्तर
लगातार बारिश के कारण अड्यार नदी, कूवम नदी और वेल्लार नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
कई जलाशयों जैसे पोझिचलूर, रेड हिल्स और चेम्बरमबक्कम झील से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है।
चेन्नई निगम ने बताया कि जल निकासी के लिए 400 से अधिक मोटर पंप लगाए गए हैं और ड्रैनेज साफ करने का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
🌦️ मौसम विभाग की चेतावनी और पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी बारिश की संभावना जताई है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) इस भारी वर्षा का मुख्य कारण है।
मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले दो दिनों तक समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है।
🤝 राहत कार्य में जुटी एजेंसियां
सरकार के साथ-साथ कई स्वयंसेवी संगठन (NGOs) भी राहत कार्य में जुटे हैं।
वे भोजन, पीने का पानी, और जरूरी वस्तुएँ बाढ़ प्रभावित परिवारों तक पहुँचा रहे हैं।
चेन्नई कॉर्पोरेशन और पुलिस विभाग लगातार ड्रोन के जरिए निगरानी कर रहे हैं ताकि फंसे हुए लोगों को जल्द निकाला जा सके।
तमिलनाडु में यह बारिश अब तक की सबसे ज्यादा रिकॉर्ड की गई अक्टूबर वर्षा में से एक मानी जा रही है।
जहाँ एक ओर प्रकृति की यह मार लोगों के लिए कठिनाइयाँ लेकर आई है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन और आम जनता मिलकर इस संकट का सामना कर रहे हैं।
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि “किसी भी नागरिक को असुरक्षित नहीं छोड़ा जाएगा।”
अब उम्मीद यही है कि आने वाले कुछ दिनों में मौसम सामान्य हो और जनजीवन फिर से पटरी पर लौट आए।
