PM Kisan Yojana 21वीं किस्त 2025 LIVE अपडेट:

“वन एकड़, वन सीजन” मॉडल पर जोर – PM मोदी ने तमिलनाडु में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया**

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तमिलनाडु के किसानों को संबोधित करते हुए खेती में स्थायी और पर्यावरण–अनुकूल तरीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया। अपने भाषण में उन्होंने किसानों को “वन एकड़, वन सीजन” के फार्मूले पर काम करने की सलाह दी, ताकि उत्पादन बढ़े और खेती की लागत कम हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में प्राकृतिक खेती भारत की कृषि क्रांति का प्रमुख आधार बनने वाली है।


1. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा – रासायनिक निर्भरता घटाने की पहल

PM मोदी ने कहा कि देश की मिट्टी लगातार रासायनिक खादों और कीटनाशकों के बोझ के कारण कमजोर हो रही है। ऐसे में प्राकृतिक खेती यानी जीरो बजट नैचुरल फार्मिंग (ZBNF) आने वाले समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
उन्होंने किसानों को गोबर, गोमूत्र, नीम, जीवामृत, बीजामृत और घनजीवामृत जैसे पारंपरिक तरीकों को अपनाने की सलाह दी, जिससे:

  • मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है
  • फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है
  • उत्पादन लागत कम होती है
  • पर्यावरण सुरक्षित रहता है

सरकार ने 2025 तक करीब 20 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है, जिसमें तमिलनाडु प्रमुख भूमिका निभा रहा है।


2. “वन एकड़, वन सीजन” मॉडल – कम मेहनत, अधिक मुनाफा

प्रधानमंत्री ने किसानों को सलाह दी कि वे एक सीजन में एक एकड़ भूमि पर ध्यान दें, ताकि फसल प्रबंधन आसान हो और उत्पादन ज्यादा मिले। इस रणनीति के मुख्य लाभ:

  • सिंचाई, खाद और देखभाल पर बेहतर नियंत्रण
  • कीट और रोग प्रबंधन आसान
  • कम इनपुट लागत और बेहतर लाभ
  • प्राकृतिक खेती तकनीकों का बेहतर उपयोग

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसान एक सीजन में एक एकड़ पर फोकस करते हैं, तो उत्पादन 15–20% तक बढ़ सकता है, जबकि लागत 30–40% तक कम हो सकती है।


3. PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त – किसानों को जल्द मिलेगा लाभ

देश के करोड़ों किसान PM Kisan Samman Nidhi Yojana की 21वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं।
सरकार हर वर्ष किसानों को ₹6,000 की सहायता राशि तीन किस्तों में देती है।

2025 के लिए महत्वपूर्ण अपडेट:

  • 21वीं किस्त फरवरी–मार्च 2025 के बीच जारी होने की संभावना है
  • 12 करोड़ से अधिक किसान लाभार्थी
  • PM किसान पोर्टल पर e-KYC अनिवार्य
  • जिन किसानों की भूमि रिकॉर्ड वेरिफिकेशन पूरा है, उन्हें प्राथमिकता मिलेगी

सरकार ने बताया कि पिछली किस्त तक ₹3 लाख करोड़ से अधिक राशि किसानों के खातों में सीधे DBT के माध्यम से भेजी जा चुकी है।


4. नवाचार अपनाने पर जोर – इंटरक्रॉपिंग और मल्टीक्रॉपिंग को बढ़ावा

PM मोदी ने किसानों से कहा कि वे सिर्फ पारंपरिक फसलों तक सीमित न रहें, बल्कि नवाचार तकनीकों को अपनाएं।
उन्होंने विशेष रूप से इन तरीकों की सलाह दी—

इंटरक्रॉपिंग (मिश्रित फसल)

जैसे:

  • मूंगफली + तिल
  • मक्का + अरहर
  • धान + उर्द

मल्टीक्रॉपिंग (एक से ज्यादा फसलें)

यह तकनीक भूमि का पूरा उपयोग करती है और किसानों को अतिरिक्त आय देती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इंटरक्रॉपिंग से किसानों की आमदनी 25–30% तक बढ़ सकती है


5. किसानों के लिए सरकारी समर्थन – कई नई योजनाएँ लागू

प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है।
कुछ प्रमुख योजनाएँ:

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) – पानी की बचत
  • फसल बीमा योजना – नुकसान पर सुरक्षा
  • किसान ड्रोन योजना – कीटनाशक, स्प्रे और मैपिंग
  • कृषि यांत्रिकीकरण योजना – मशीनरी पर सब्सिडी
  • राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन – प्राकृतिक खेती को बढ़ावा

तमिलनाडु के लिए विशेष रूप से ₹1,200 करोड़ का कृषि विकास पैकेज घोषित किया गया है, जिसमें ड्रिप इरिगेशन, जैविक खेती और किसान ट्रेनिंग सेंटर शामिल हैं।


निष्कर्ष: भारत की खेती में नया बदलाव

PM मोदी के संदेश से यह साफ है कि आने वाले समय में भारत की कृषि नीति का केंद्र प्राकृतिक खेती, कम इनपुट लागत और अधिक उत्पादन रहेगा। “वन एकड़, वन सीजन” मॉडल से छोटे किसानों को बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है।

PM किसान योजना की 21वीं किस्त और प्राकृतिक खेती के लिए मिल रहा सरकारी समर्थन ग्रामीण भारत में तेजी से सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

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